Friday, October 10, 2014

सम्मान की इच्छा

ये जीव सम्मान की इच्छा क्यों करता है?

मान और लोभ कषाय वश जीव में सम्मान की इच्छा पायी जाती है। दुनिया में जहां जहां लोगो को सम्मान दिया जाता है, उन्हे देखके जीव के भी सम्मान की इच्छा प्रकट होती है।
जैसे:
  • धनवान लोगो का सम्मान देखता है, तो इसका भी धनी होने का मन करता है।
  • बुद्धिमान लोगो का सम्मान देखता है, तो इसका भी वैसा होने का मन करता है।
  • पढे लिखे लोगो का सम्मान देखता है, तो इसका भी वैसा होने का मन करता है।
  • सुन्दर और बलवान लोगो का सम्मान देखता है, तो इसका भी वैसा होने का मन करता है।
देखा जाये तो सम्मान की इच्छा की कोई आवश्यकता नहीं है। ज्ञाने विवेकी जन सम्मान की इच्छा को छोङ देते हैं।

सामान्यतः निम्न प्रकार से सम्मान (recognition) की इच्छा या प्रतिस्पर्धा के भाव रहते है:

  • बचपन में कक्षा में प्रथम आने की इच्छा होता है, उसमें सम्मान की इच्छा ही रहती है।
  • बचपन में खेल कूद में जीतने की भावना।
  • अपने मित्रो के Colleges से अच्छे College में दाखिला की इच्छा। (यहां competition की भावना है और जहां competition की भावना है वहां सम्मान की भी इच्छा है।)
  • अपनी नौकरी, अपने मित्रो से अच्छी लगे।
  • अपना व्यवसाय, दूसरो की अपेक्षा अच्छा हो।
  • अपना रूप दूसरो की अपेक्षा अच्छा हो।
  • अपना शारिरिक बल दूसरो की अपेक्षा अच्छा हो।
  • अपनी धन सम्पत्ति दूसरो की अपेक्षा अच्छा हो।
  • हम दूसरे की अपेक्षा ज्यादा धार्मिक हों।
  • अपने बच्चे दूसरो के बच्चो से अच्छे हो।
  • हम दूसरो के अपेक्षा ज्यादा दान दे, या परोपकार करें।
  • हमें समाज में पदो की प्राप्ति हो।

No comments:

मैं किसी को छूता ही नहीं

वास्तविक जगत और जो जगत हमें दिखाई देता है उसमें अन्तर है। जो हमें दिखता है, वो इन्द्रिय से दिखता है और इन्द्रियों की अपनी सीमितता है। और जो ...