१) भगवान से प्रार्थना कर अपने दोषो को कहे
२) निम्न बातो क प्रतिक्रमण करे: ५ पाप, विषय, कषाय, मिथ्यात्व, अन्याय, अनीति, अभक्ष, समिति, १०८ आस्रव
- पांच पाप:
- हिंसा: १,२,३,४, ५(संज्ञी, असंज्ञी) इन्द्रियों की हिंसा
- स्थावर:
- पृथ्वी खोदी, महल बनाये
- जल को गलाया
- वायु को पंखे आदि से चलाया
- वनस्पति कि विराधना करी, उसे आनन्द से खाया
- बिना देखे अग्नि जलाई, उसमे जो जीव आये, वो परलोक सिधारे
- त्रस:
- झाङू से चिंटी कि विरधना करी
- जल की जिवाणी करने मे त्रस जीवो क घात किया
- मल को विसर्जन मे कृमि एत्यादि कि हत्या करी
- कपङे धोने मे जीव हिंसा
- अन्नदिक शोद्य करने मे जीव हिंसा
- द्रव्य कमाने मे बहु हिंसा करी
- झूठ:
- चोरी
- परिग्रह:
- कुशील: परस्त्री की और देखा
- १०८ आस्रव:
- समरंभ, समारंभ, आरंभ
- मन, वचन, काय
- कृत, कारित, मोदन
- क्रोध, मान, माया, लोभ
- मिथ्यात्व:
- विपरीत, एकान्त, विनय, संशय, अज्ञान
- कुगुरू की सेवा
- अदया करी
- उप्रयुक्त से चार गती मे घूमा
- विषय सेवन:
- स्पर्श:
- रसना
- घ्राण: गीत, सन्गीत मे रूची
- चक्षु
- कान
- अन्याय, अनीति, अभक्ष:
- न्याय
- अनीति
- अभक्ष:
- पांच उदुम्बर, मांस, मधु, मद्य,
- २२ अभक्ष,
- रात्री भोजन
- कषाय (२५):
- क्रोध, मान, माया, लोभ: अनन्तानुबन्धी, प्रत्याख्यान, अप्रत्याख्यान, संज्वलन
- हास्य, अरति, रति, शोक, भय, जुगुप्सा, स्त्रीवेद, पुरुषवेद, नपुंसकवेद
- निद्रा, जागना:
- निद्रा के समय स्वपन मे कषायो से दोष
- जागते हुए विषयो से दोष
- समिति:
- अहार,
- विहार,
- निहार
- बिना देखे वस्तु उठाई
- बिना शोधी वस्तु खाई
1 comment:
This is a great blog. How about we make it as daily pratikraman reference guide?
It covers all the paap with general description. I am thinking to add few specific Paap related to current life style. We can have a seperate guide for explaining why they are paap and the consequences.
(under Tras jiv hinsa)
1) Driving Car (day/night)
2)Shower water issues - qty and quality. Washing/vaccume etc
3) Outside food related Paap
Post a Comment