द्वैत:
शत्रु - बन्धु
सुख - दुख
प्रशंसा - निन्दा
सोना - कांच
जन्म - मरण
शत्रु - बन्धु
सुख - दुख
प्रशंसा - निन्दा
सोना - कांच
जन्म - मरण
अद्वैत:
सब पर!
सब पर!
उत्तर : हमारे अन्दर कितनी विरक्ति होती है उसके अनुसार ही कार्य करने योग्य है। अगर जीव में पर्याप्त विरक्ति है, तो परिवार छोङकर सन्यास धारण क...
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