लोग कहते हैं कि भगवान ये है, वो है, ऐसा है, वैसा है, आदि। आज हम सोचते हैं, कि भगवान आखिर होना कैसा चाहिये?
पहले ये देखते हैं कि भगवान का ज्ञान कैसा होगा? क्या वो दुनिया को पूरी तरीके से जानता होगा, या आधा अधूरा?
अगर वो आधा अधूरा जानता है, तो वो हमें सही रास्ता अपने सीमित ज्ञान से बतायेगा। और हो सकता है कि वो हमारे किये सबसे अच्छा रास्ता ना हो - क्योंकि ज्ञान सीमित है। अगर वो दुनिया को पूरी तरीके से जानता है, तो उसका बताया रास्ता हमारे लिये एक दम सटीक और सबसे बढिया होगा।
पूरी दुनिया को जानने का मतलब है, जो समस्त सिद्धान्तो और नियमो को जानता हो। सच्चा सुख कैसे मिलता होता है, दुख कैसे होता है। दुनिया के सारी वस्तुओं के अस्तित्व के बारे में। वो सब छोटी छोटी चीजे भी जो बङे- बङे माइक्रोस्कोप से ना देखी जा सके, और वो सब दूर रहने वाली चीजे, जो टेलीस्कोप से ना देखी जा सका। उस past के बारे में, जो किन्ही किताबो में ना हो, और उस present के बारे में जो पूरी तरीके से हम अपनी दोनो आंखो से देख नहीं सकते।
तभी तो भगवान हमारे लिये हमें सही रास्ता बता सकेगा। मतलब भगवान तो पूरी दुनिया को जानने वाला ही अपने को चलेगा। जो थोङा बहुत जाने, ऐसा अपने को नहीं चलेगा।
अब जो हमें सही रास्ता बतलाये, और पूरी दुनिया को जानने वाला हो- क्या वो पक्षपाती हो सकता है- कि किसी से प्रेम करे और किसी से नफ़रत। किसी को सही बताये और किसी को गलत। उसकी दृष्टी में तो सब कोई समान होने चाहिये। अगर समान नहीं है, तो उसमें और हममें क्या अन्तर रह गया?
और ऐसा भगवान मिल भी गया कि जो सब कुछ जानने वाला है, और सबको समान दृष्टि से देखता है, तो हमें उसका क्या फ़ायदा? हमें तो उसका तब फ़ायदा है जब वो हमें हमारे भले का उपदेश दे। एक चुप चाप बैठे भगवान से हमें क्या? तो भगवान उपदेश देने वाला भी होना चाहिये।
जो भगवान सब कुछ जानता है, और सबको समान देखता है, वो हमें सही उपदेश ही देगा। गलत उपदेश तो तब देगा, जब हमसे बैर रखता है। मगर वो तो मैत्री और बैर से परे है।
तो ऐसा भगवान मिल जाये, तो हम उसकी बात पूरी तरीके से मान सकते हैं, और सही मायने में उसे भगवान कह सकते हैं।
मतलब यह कि तीन चीजे तो हमारे भगवान में होनी चाहिये:
१) पूरी दुनिया को जानने वाला हो
२) जो ना किसी से प्रेम करे और ना किसी से नफ़रत। उसकी दृष्टी में सब समान हो।
३) सही रास्ता बतलाने वाला हो
अब समझदार लोग ढ़ूंढ़ सकते हैं, कि कहां मिलेगा ऐसा भगवान?
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