Friday, January 28, 2022

भोक्तृत्व

*पर भोक्तृत्व का उदाहरण*:

- मैंने विषय को भोगा


*स्व भोक्तृत्व*:

- मैने अपने परिणाम को ही भोगा। उसमें उपादान कारण मैं था, और पर पदार्थ उसमें निमित्त कारण था।


*पर भोक्तृत्व में भूल*:

- अपने उपादान कारण और अन्य निमित्तो को गौण करके, मेरे भोगने में सारा कारण पर पदार्थ पर डाल दाना।


*पर कर्तत्व से नुकसान*:

- मैने अपने परिणमन में दूसरे को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। अपने भोक्तृत्व के अर्जन, संरक्षण, विनाश में संक्लेश प्राप्त करता है। मैं इस सुख को ऐसे ही भोगता रहूं, ये दुख मेरा नष्ट हो जाये, मुझी ऐसा सुख ओर मिल जाये - इन्ही विकल्पो में घूमता रहता है। और अपने सच्चे सुख को भोगने का पुरूषार्थ नहीं करता।

Note: मुझे जब कोई चीज लगती है - कि यह मेरी है। तभी मुझे उसमें कुछ करने का .. उसमें सुधार करने का.. या उससे सुख प्राप्त करने का विकल्प जागता है। यही कर्म चेतना और कर्मफ़ल चेतना को जन्म देती है, और कर्म बन्धन करवाती है।


 

कर्तत्व

 *पर कर्तत्व का उदाहरण*:

- मैने उस व्यक्ति को सुधारा

*स्व कर्तत्व*:

- मैने अपना योग उपयोग किया, और उसके निमित्त से वाणी की क्रिया हुई, उसके निमित्त से और व्यक्ति अपने उपादान कारण से  सुधरा।


*पर कर्तत्व में भूल*:

- व्यक्ति के उपादान कारण को गौण करके, सारा कर्तत्व खुद पर ले लिया।

- मेरे अलावा अन्य निमित्त कारणो को गौण करके सारा कर्तत्व खुद पर ले लिया।


*पर कर्तत्व से नुकसान*:

- ’मैने सुधारा’ - मैने अपने को सुधारने का स्वामी मान लिया। कर्तत्व के अर्जन, संरक्षण, विनाश में संक्लेश प्राप्त करता है। मैं ऐसा ओर करूं, करता रहूं, इसे करने से आनन्द नहीं है- इसलिये ये ना करू - इन्ही में लीन रहता है।  ये एक प्रकार की मूर्छा है। ऐसे ही औरो को सुधारने के भाव में(अर्जन), जिसको सुधारा है उसके रक्षण में, जिसको सुधारा है उसके बिगङ जाने में क्लेश को प्राप्त हूंगा।


Example: Jab tak mein sochta hun ki meine putra ko paida kiya.. tab tak uske prati raag naheen khatam ho sakta

Tuesday, January 11, 2022

Learning from research in NDE

 Source: https://www.youtube.com/watch?v=2MMJPjnShZs

NDEs suggest:

  • Existence of soul
  • Existence of extra sensory knowledge: See the examples where the soul goes and meet someone, find some things while his physical senses were still lying in hospital. This also supports that extra sensory knowledge exist, and Avadhi Gyaan, Manah Prayay Gyaan, Kewal Gyaan can exist
  • Existence of life outside earth: See the examples where the soul goes and meet someone who is already dead and find something which the person did not know before and gets validated when soul comes back to body.
  • No pain once the soul was out: There was not pain left when the soul was having NDE! This is interesting to note.

मैं किसी को छूता ही नहीं

वास्तविक जगत और जो जगत हमें दिखाई देता है उसमें अन्तर है। जो हमें दिखता है, वो इन्द्रिय से दिखता है और इन्द्रियों की अपनी सीमितता है। और जो ...