Wednesday, May 18, 2022

शरीर का प्रयोग

 शरीर संसार बढ़ाने के लिये:

- विषयों की पूर्ती के लिये (पांच इन्द्रिय)

- कषाय की पूर्ती के लिये (क्रोध, मान, लोभ आदि की पूर्ति के लिये)

- पांच पाप के लिये


शरीर संसार घटाने के लिये

- तप - निर्जरा के लिये

- समिति, वैयावृत्ति, स्वाध्याय, स्तुति आदि के लिये

मैं किसी को छूता ही नहीं

वास्तविक जगत और जो जगत हमें दिखाई देता है उसमें अन्तर है। जो हमें दिखता है, वो इन्द्रिय से दिखता है और इन्द्रियों की अपनी सीमितता है। और जो ...