Saturday, November 21, 2020

अन्तरात्मा और बहिरात्मा

 बहिरात्मा के गुण: 

▪️शरीर के लिये सारा जीवन व्यतीत करता है।

▪️पुद्गलो में सुख ढूंढ़ता है। सुख सुविधा के साधन इकट्ठा करके सुखी होता है।

▪️इसका लक्ष्य होता है - मैं अपने व्यक्तित्व को कैसे बढ़ाऊं, कैसे धन कमाऊं, कैसे परिवार को बढ़ाऊं, कैसे अपने नाम को बढ़ाऊं

▪️एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करता है।


अन्तरात्मा के गुण:

▪️संसार को छोटा करता चला जाता है।

▪️नाम, पद, प्रतिष्ठा को गौण करता है, अपने जीव को मुख्यता देता है

▪️आरम्भ, समारम्भ त्यागकर, सुख सुविधा, परिग्रह को कम करके प्रसन्न होता है।

▪️सबमें आत्मा के दर्शन करता है। सबको समान देखता है।

▪️अपनी आत्मा में सुख प्राप्त कर सन्तुष्ट होता है।

इच्छा और अपेक्षा

 🌿 *इच्छा और अपेक्षा* 🌿 1️⃣ इच्छा क्या है? इच्छा एक कामना है — किसी बात के होने की सरल अभिलाषा। जैसे — > “मुझे अच्छा स्वास्थ्य चाहिए।” ...