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मैं किसी को छूता ही नहीं
वास्तविक जगत और जो जगत हमें दिखाई देता है उसमें अन्तर है। जो हमें दिखता है, वो इन्द्रिय से दिखता है और इन्द्रियों की अपनी सीमितता है। और जो ...
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रत्नकरण्ड श्रावकाचार Question/Answer : अध्याय १ : सम्यकदर्शन अधिकार प्रश्न : महावीर भगवान कौन सी लक्ष्मी से संयुक्त है...
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सहजानन्द वर्णी जी सहज चिन्तन, सहज परिक्षा, करे सहज आनन्द, सहज ध्यान, सहज सुख, ऐसे सहजानन्द। न्याय ज्ञान, अनुयोग ज्ञान, अरू संस्कृत व्या...
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The overview of 8 anga is at: http://www.jainpushp.org /munishriji/ss-3-samyagsarshan .htm What is Nishchaya Anga, and what is vyavhaar: whi...
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